अब तो....
ख्वाहिशों,जज्बातों,सपनों को शब्दों में पिरोने का दिल करता है अब तो
हंसी अगर लबों पर हो,फिर भी रोने को दिल करता है अब तो।
मुझे मालूम है कि मेरे शब्दों को पढ़कर कोई असर नहीं होगा उसपर
ना जाने क्यों फिर भी उसी के लिए लिखने को दिल करता है अब तो।
वो जो वादें किया करती थी कि साथ निभाऊंगी हमेशा
वो ही सारे वादे किसी और के साथ किया करती है अब तो।
दिल अब भी कहता है मेरे पास लौट कर आएगी एक दिन वो
पर जानता हूं मैं,मुझसे बहुत दूर चली गई है वो अब तो।
मुझसे बहुत दूर चली गई है वो अब तो.......
© संतोष धिमान
चम्बा, हिमाचल प्रदेश
चम्बा, हिमाचल प्रदेश
9 Comments
Beautiful poem santosh
ReplyDeleteधन्यवाद जी।
DeleteSuperb bhai 😍
ReplyDeleteThanks bhai
DeleteSuper bhau
ReplyDeleteThanks bhai
Deleteawesm dhiman bhai
ReplyDeleteThanks bhai
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